8th Pay Commission: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की तरफ से वित्तीय वर्ष 2024- 25 के लिए बजट जारी हो चुका है. पर बजट पेश होने से पहले ही कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को जोर का झटका लग चुका था. लोकसभा में प्रश्नकाल के दौरान आठवें वेतन आयोग की कमेंटी गठन करने को लेकर वित्तमंत्री से ज़ब प्रश्न पूछा गया, तो उनके द्वारा दिए गए इस प्रश्न के उत्तर ने सभी को हैरान कर दिया.
सांसद श्री आनंद भदौरिया ने लोकसभा में उठाया मुद्दा
हर 10 वर्ष में वेतन आयोग गठित किया जाता है. 1 जनवरी 2026 से आठवाँ वेतन आयोग आने वाला है, लेकिन कमेटी के गठन के बिना इसकी रिपोर्ट कैसे पेश होंगी. आमतौर पर, 1 से 2 साल कमेटी को स्टडी करने में लग जाते हैं. ऐसी स्थिति में यह जरूरी है कि 2024 में ही कमिटी का गठन किया जाए. कर्मचारी यूनियन लगातार इसके गठन की माँग उठा रहे हैं. इस मुद्दे को लेकर 3 से 4 बार सरकार को अभ्यावेदन भी दिए जा चुके हैं, लेकिन सरकार ने अब तक इस पर कोई ध्यान नहीं दिया है. बजट सत्र के दौरान, सांसद श्री आनंद भदौरिया ने लोकसभा में इस मुद्दे पर प्रकाश डाला.
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सांसद ने वित्त मंत्री से किए सवाल
श्री आनंद भदौरिया ने वित्तमंत्री से सवाल किया कि क्या जून महीने के दौरान यूनियन के द्वारा अभ्यावेदन प्राप्त हुए हैं; और यदि हां, तो इसके बारे में क्या ब्यौरा है और इस पर सरकार क्या कार्रवाई कर रही है? इसके साथ ही उन्होंने पूछा कि देश में बढ़ती महंगाई को देखते हुए सरकार कर्मचारियों के वेतन/पेंशन में संशोधन के लिए आठवें केंद्रीय वेतन आयोग को कब तक गठित करेगी.
बीजेपी सरकार हमेशा से रही है कर्मचारी विरोधी
इन प्रश्नों का जवाब वित्त मंत्रालय में राज्य मंत्री श्री पंकज चौधरी द्वारा दिया गया. उन्होंने कहा कि जून महीने में कर्मचारी यूनियन ने दो बार अभ्यावेदन दिए है. मगर वर्तमान में केंद्र सरकार इसको लेकर कोई भी विचार नहीं कर रही है. ऐसे में ऐसा जवाब मिलने के बाद कर्मचारी संगठन इसका जमकर विरोध कर रहे हैं. उनका कहना है कि भाजपा सरकार आठवां वेतन आयोग बनाना ही नहीं चाहती. कर्मचारियों की यूनियन का कहना है कि बीजेपी सरकार हमेशा से कर्मचारी विरोधी रही है. पहले पेंशन बंद कर दी और अब वेतन आयोग को भी बंद करने की तैयारी में है. ऐसे में सरकार के ऐसे जवाब से कर्मचारी यूनियन काफी आहत है.